सरस्वती सम्मान 2023 : प्रख्यात साहित्यकार प्रभा वर्मा को उनकी मलयाली काव्यकृति ‘रौद्र सात्विकम्’ के लिए 2023 का प्रतिष्ठित सरस्वती सम्मान प्रदान किया जाएगा। सम्मान प्रदान करने वाली संस्था के.के. बिड़ला फाउंडेशन ने सोमवार को यह जानकारी दी। फाउंडेशन ने एक विज्ञप्ति में बताया कि उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए.के. सीकरी की अध्यक्षता वाली 13 सदस्यीय चयन परिषद ने इस सम्मान के लिए ‘रौद्र सात्विकम्’ का चयन किया।
पांच क्षेत्रीय समितियों ने चयन परिषद को पांच साहित्यिक कृतियों के नाम भेजे थे, जिनमें सैयद मोहम्मद अशरफ का उर्दू उपन्यास ‘ आखिरी सवारियां’, नगेन साइकिया की असमिया कविता ‘मित भास समग्र’, गंगाधर हांसदा का संथाली उपन्यास ‘पोसरा’, प्रभा वर्मा की मलयाली काव्यकृति ‘रौद्र सात्विकम्’ और हरीश मीनाश्रु की गुजराती कविता ‘बनारस डायरी’ शामिल थी। चयन परिषद ने इनमें से ‘रौद्र सात्विकम्’ का चयन किया।
प्रख्यात साहित्यकार प्रभा वर्मा : प्रभा वर्मा का जन्म 1959 में केरल के तिरुवल नामक कस्बे में हुआ था। इससे पहले उन्हें साहित्य अकादमी सम्मान समेत विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। वह अंग्रेजी और मलयाली भाषाओं में रचनाएं लिखते हैं। वर्तमान मे वह केरल के मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव के रूप में कार्यरत हैं।
‘रौद्र सात्विकम्’ : इस काव्यकृति में राजनीति और सत्ता, व्यक्ति और राज्य, कला और शक्ति के संबंधों में व्याप्त अंतर्विरोधों का एक विशिष्ट शैली में विश्लेषण किया गया है।
सरस्वती सम्मान : एक साहित्य पुरस्कार है। के. के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा 1991 में सरस्वती सम्मान की शुरुआत की गई थी, जिसके तहत भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं के भारतीय लेखकों की पिछले 10 सालों में प्रकाशित साहित्यिक कृति को पुरस्कृत किया जाता है। इस सम्मान में शाल, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न और 15 लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाती है।
वर्ष 1991 से दिया जा रहा सरस्वती सम्मान सबसे पहले प्रख्यात साहित्यकार डॉक्टर हरिवंश राय बच्चन को उनकी कृति ‘दशद्वार से सोपान तक’ के लिए दिया गया था। अभी तक यह पुरस्कार जिन प्रमुख भारतीय साहित्यकारों को मिल चुका है, उनमें रमाकांत रथ, विजय तेंदुलकर, शंघघोष, दिलीप कौर टिवाणा, सुनील गंगोपाध्याय, गोविंद मिश्र, पद्मा सचदेव, एम वीरप्पा मोइली, रामदरश मिश्र प्रमुख हैं।
– Om Prakash Verma, SIDHI