बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवार्ती तूफान रुमेल के आज पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों से टकराने की संभावना है। अलीपुर स्थित मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मुख्यालय ने रविवार सुबह जारी बयान में बताया कि इसके प्रभाव से शनिवार को राजधानी कोलकाता में 4.2 मिली मीटर बारिश रिकार्ड की गई। हालांकि तापमान में कोई गिरावट नहीं आई। न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 27.3 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 37 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है।
चक्रवात के प्रभाव से सारा दिन बारिश होगी। राजधानी कोलकाता में प्रति घंटे दो से तीन सेंटीमीटर बारिश रिकार्ड की जा सकती है और 70 से 80 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। कई इलाकों में 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज आंधी तूफान के साथ भारी बारिश हो सकती है।
प्रभावित क्षेत्र :
कोलकाता के अलावा पश्चिम बंगाल के समुद्र तटीय जिले हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर में नुकसान की आशंका सबसे अधिक है।
चक्रवात क्या है ?
चक्रवात कम वायुमंडलीय दाब के चारों ओर गर्म हवाओं की तेज़ आँधी को कहा जाता है। दोनों गोलार्द्धों के चक्रवाती तूफानों में अंतर यह है कि उत्तरी गोलार्द्ध में ये चक्रवात घड़ी की सुइयों की विपरीत दिशा में (Counter-Clockwise) तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में घड़ी की सुइयों की दिशा (Clockwise) में चलते हैं। उत्तरी गोलार्द्ध में इसे हरिकेन, टाइफून आदि नामों से जाना जाता है।
चक्रवात का नाम :
हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों को नाम देने की प्रक्रिया के चलते ही इस चक्रवात का नाम भी रखा गया है चक्रवात को ‘रेमल’ नाम दिया गया है, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी सहित उत्तर हिंद महासागर में बनने वाले चक्रवातों के लिए एक नाम रखने की परंपरा का पालन किया जाता है. इसी परंपरा के तहत इसका नाम भी रखा गया है. ‘रेमल’ नाम ओमान ने सुझाया है और अरबी में इसका मतलब ‘रेत’ होता है।
चक्रवात का नामकरण कैसे होता है ?
हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देश (बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्याँमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका तथा थाईलैंड) एक साथ मिलकर आने वाले चक्रवातों के नाम तय करते हैं। जैसे ही चक्रवात इन आठों देशों के किसी भी हिस्से में पहुँचता है, सूची से अगला या दूसरा सुलभ नाम इस चक्रवात का रख दिया जाता है।